सोनिया चाहतीं हैं पर शरद पवार अब राष्ट्रपति चुनाव क्यों लड़ना नहीं चाहते?
पवार के बाकी पार्टी के नेताओं से भी व्यक्तिगत संबंध हैं तो इसका भी फायदा मिलने की उम्मीद थी। विपक्ष में चर्चा गर्म थी की शरद पवार ही सिर्फ एक ऐसे नाम हैं जो राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार को टक्कर दे पाएंगे।
पवार के बाकी पार्टी के नेताओं से भी व्यक्तिगत संबंध हैं तो इसका भी फायदा मिलने की उम्मीद थी। विपक्ष में चर्चा गर्म थी की शरद पवार ही सिर्फ एक ऐसे नाम हैं जो राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार को टक्कर दे पाएंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष शरद पवार कोशिश कर रही हैं कि मोदी सरकार के खिलाफ संपूर्ण विपक्ष एक हो जाए और इस शक्ति का प्रदर्शन जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में किया जाए। लेकिन शरद पवार ने इस कोशिश को तगड़ा झटका दिया है । विपक्षी पार्टियों का एक मजबूत गुट शरद पवार को राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का उम्मीदवार बनाना चाहता था। इस सिलसिले में शरद पवार सोनिया गांधी से मिल भी चुके थे। विपक्ष के नेता मानते थे कि अगर शरद पवार मैदान में उतरेंगे तो महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना शरद पवार को सपोर्ट करेगी। प्रतिभा पाटिल भी महाराष्ट्र की थीं तो शिवसेना ने प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था। पवार के बाकी पार्टी के नेताओं से भी व्यक्तिगत संबंध हैं तो इसका भी फायदा मिलने की उम्मीद थी। विपक्ष में चर्चा गर्म थी की शरद पवार ही सिर्फ एक ऐसे नाम हैं जो राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार को टक्कर दे पाएंगे। लेकिन मुंबई में शरद पवार ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा कि उन्हें लगता है भाजपा की नेतृत्व वाली एनडीए राष्ट्रपति चुनाव में मजबूत दिखती है। मुंबई में शरद पवार अपनी पार्टी के राज्य के नेताओं से बात कर रहे थे। इस कार्यक्रम में मीडिया को जाने की इजाजत नहीं थी। एनसीपी के नेताओं में इस बात की चर्चा थी कि शरद पवार राष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन मुंबई में शरद पवार ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया। शरद पवार ने कहा सत्ता पक्ष और उसके सहयोगियों की हालत राष्ट्रपति चुनाव में अच्छी है। अगर गैर एनडीए दल यानि एआईडीएमके, डीएमके और टीआरएस भी एनडीए को सपोर्ट कर देती है तो फिर एनडीए उम्मीदवार को हराना मुश्किल होगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म होने वाला है। इससे पहले देश को अलगा राष्ट्रपति मिलेगा। गैर एनडीए दलों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की टीआरएस ने पहले ही भाजपा के उम्मीदवार को समर्थन करने का फैसला कर लिया है। एआईडीएमके अपनी आपसी झगड़े से परेशान है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि एआईडीएमके भी एनडीए उम्मीदवार का ही समर्थन करेगी। ऐसे में अब ये करीब करीब तय है कि विपक्ष उम्मीदवार उतारेगा जरूर लेकिन विपक्ष का ये उम्मीदवार हारेगा। इसी हार को देखते हुए शरद पवार ने मैदान में न उतरने का फैसला कर लिया है।